लेखनी कहानी -20-Feb-2023 मेरे सपनों की रानी
हर दिल में रोज ख्वाहिशों की महफिल सजती है
हर मर्द के सपनों में कोई न कोई रानी बसती है
बला की खूबसूरत हुस्न का दरिया कोई परी सी है
उसे देख देखकर दिल की बगिया खूब महकती है
नाकामियों के बीयाबान में असहाय सा पाता हूं मैं
तब एक नई आशा सी वह मुझमें कहीं संवरती है
कभी कविता कभी गजल कभी अफसाना बनकर
छाया सी साथ रहती है हरदम ना कभी बिछड़ती है
सुख दुख की सच्ची साथी वफा की मूरत वरदान है
चंचल शोख हसीना सी वह हर दिल में मचलती है
श्री हरि
20.2.23
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Sushi saxena
22-Feb-2023 07:39 PM
बेहतरीन
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
21-Feb-2023 05:56 AM
Wahhh बहुत ही खूबसूरत रचना लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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Alka jain
20-Feb-2023 11:13 PM
Nice
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